Thursday, November 21, 2019

सीरिया के तेल पर क्या अमरीका ने 'डाका' डाला है

अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहना है कि अमरीकी सैनिकों के सीरिया में बने रहने से तेल की कमाई से देश को हर महीने लाखों डॉलर का फ़ायदा होगा.

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने इसके जवाब में अमरीका पर 'तेल की चोरी' करने का आरोप लगाते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की है और असद के एक प्रमुख समर्थक रूस ने इसे 'अंतरराष्ट्रीय डाका' कहा है.

तो सीरिया के वर्तमान तेल उत्पादन को कौन नियंत्रित कर रहा है और इससे किसको फ़ायदा हो रहा है?

अमरीका ने अक्तूबर में उत्तरी सीरिया से अपनी सेना हटाने की घोषणा की, लेकिन उसके बाद उसने कहा कि कुर्द के नेतृत्व वाली ताक़तों से तेल की सुरक्षा के लिए वो अपने 500 सैनिकों को वहां बनाए रखेगा.

अभी यहां के तेल उत्पादन का लाभ कुर्दों के नेतृत्व वाली ताक़तों को मिल रहा है.

अमरीकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि अमरीकी सैनिक न केवल इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों बल्कि रूसी और सीरिया की सरकारी बलों के ख़िलाफ़ भी तैनात हैं.

उधर रूसी सेना सीरिया के तेल उत्पादनों को नियंत्रित करने की कोशिश में इस पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए है.

दोनों देशों ने 2018 में ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें रूस को सीरिया के तेल और गैस क्षेत्र के पुनर्निर्माण को लेकर विशेष अधिकार दिए गए थे.

राष्ट्रपति ट्रंप ने इसी संदर्भ में कहा कि उनके सैनिक जिस तेल की हिफाजत कर रहे हैं उससे लाभ होने की संभावना है.

भले ही मध्य पूर्व के अन्य देशों की तुलना में सीरिया में तेल के भंडार कहीं छोटे हैं लेकिन देश के राजस्व की कमाई में तेल और गैस क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

2018 में सऊदी अरब के 297 बिलियन बैरल, ईरान के 155 बिलियन बैरल और इराक़ के 147 बिलियन बैरल की तुलना में सीरिया के पास महज अनुमानित 2.5 बिलियन बैरल का तेल भंडार था.

तेल के ये भंडार इराक़ी सीमा के पास पूर्वी सीरिया के डेर अल-ज़ोर और पूर्वोत्तर के हसका में स्थित हैं.

लेकिन 2011 में संघर्षों की शुरुआत के बाद से तेल के उत्पादन में गिरावट आई है.

विश्व ऊर्जा पर ब्रिटिश पेट्रोलियम सांख्यिकीय समीक्षा 2019 के अनुसार 2008 में सीरिया रोज़ाना 406,000 बैरल तेल का उत्पादान किया करता था.

2011 में इसके उत्पादन में 353 हज़ार बैरल की कमी आई जबकि 2018 में यह महज 24 हज़ार बैरल रह गया. यानी इसके उत्पादन में क़रीब 90 फ़ीसदी की कमी आई है.

जैसे जैसे गृह युद्ध बड़ा होता चला गया, अपने देश में स्थित इन तेल के कुंओं से सीरियाई सरकार का नियंत्रण ख़त्म होकर पहले विपक्षी समूहों और बाद में तथाकथित इस्लामिक स्टेट (आईएस) के हाथों में जाता रहा.

2014 के अंत तक इस्लामिक स्टेट ने एज़-ज़ोर प्रांत में स्थित सबसे बड़े ऑयल फील्ड अल ओमार समेत पूर्वी सीरिया के अधिकांश तेल के कुंओं को अपने कब्ज़े में ले लिया.

अमरीकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़, 2015 में 40 मिलियन डॉलर प्रति माह की कमाई के साथ तेल की बिक्री, चरमपंथी समूह के लिए आय का एक बड़ा स्रोत बन गया.

हालांकि 2017 में कुर्दों के नेतृत्व में अमरीका समर्थित सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ़) से अपने अंतिम गढ़ को हारने के बाद आईएस का इन तेल क्षेत्रों पर नियंत्रण ख़त्म हो गया.

आईएस के नियंत्रण को ख़त्म करने की दिशा में अमरीका ने कई हवाई हमले किए जिससे सीरिया के उन तेल क्षेत्रों को काफ़ी नुकसान हुआ.

जब आईएस लड़ाकों को लगा कि कुर्द सेना के हाथों वो इन तेल क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण खो देंगे तो उन्होंने तेल के कई बुनियादी ढांचों को भी तबाह कर दिया.

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